Skip to content
Nidhi Academy

Nidhi Academy

सामान्य हिंदी By निधि मैम

  • होम
  • सामान्य हिंदी
    • इकाई 1
      • वर्णमाला
        • वर्ण विचार
        • वर्ण विभाग
        • व्यंजन
      • वर्तनी
      • विराम चिह्न
    • इकाई 2
      • संधि एवं संधि-विच्छेद
      • उपसर्ग
      • प्रत्यय
      • समास एवं समास-विग्रह
    • इकाई 4
      • शब्दों का वर्गीकरण
      • संज्ञा
      • सर्वनाम
      • वचन
      • लिंग
      • कारक एवं कारक चिह्न
      • क्रिया
      • विशेषण
      • काल
      • अविकारी शब्द
    • इकाई 5
      • वाक्य
      • पदबंध एवं पद-परिचय
    • इकाई 6
      • अलंकार
        • अनुप्रास अलंकार
        • छेकानुप्रास अलंकार
        • वृत्यानुप्रास अलंकार
        • अन्त्यानुप्रास अलंकार
        • लाटानुप्रास अलंकार
        •  श्रुत्यानुप्रास अलंकार
        • श्लेष अलंकार
        • यमक अलंकार
      • रस
      • छन्द
  • शब्दावली
    • इकाई 3
      • पर्यायवाची
      • हिंदी की गिनती
      • अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
  • हमारे बारे में
  • संपर्क करें
  • हेल्पलाइन नंबर
  • Toggle search form

लाटानुप्रास अलंकार किसे कहते हैं? / लाटानुप्रास अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित

Posted on October 15, 2023March 16, 2024 By Nidhi Academy No Comments on लाटानुप्रास अलंकार किसे कहते हैं? / लाटानुप्रास अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित

लाटानुप्रास अलंकार-

जब किसी काव्य (कविता) में किसी वाक्य अथवा वाक्यांश अथवा शब्द की आवृत्ति उसी अर्थ में होती है, किंतु उसके अन्वय (मूल अर्थ/ तालमेल) में परिवर्तन होता है, वहाँ लाटानुप्रास अलंकार होता है। (‘लाट’ शब्द का अर्थ है ‘समूह’ अर्थात जब समूह में उपस्थित वर्णों की आवृत्ति हो।)

उदाहरण-

‘पूत सपूत तो काहे धन संचय। पूत कपूत तो काहे धन संचय।।’ यहाँ ‘तो काहे धन संचय’ वाक्यांश (शब्द-समूह) की आवृत्ति उसी अर्थ में हो रही है, किंतु इसके अन्वय में अंतर है, अतः यहाँ लाटानुप्रास अलंकार है। 

परीक्षा के दृष्टिकोण से अन्य उदाहरण-

  • तेगबहादुर, हाँ, वे ही थे गुरु-पदवी के पात्र समर्थ,

तेगबहादुर, हाँ, वे ही थे गुरु-पदवी थी जिनके अर्थ।

  • पराधीन जो जन, नहीं स्वर्ग ता हेतु।

पराधीन जो जन नहीं, स्वर्ग नरक ता हेतु।

  • राम भजन जो करत नहिं, भव-बंधन भय ताहि। 

राम भजन जो करत, नहिं भव-बंधन भय ताहि।

  • पीय निकट जाके, नहीं घाम-चाँदनी ताहि।

पीय निकट जाके नहीं, घाम-चाँदनी ताहि।

  • लड़का तो लड़का ही है।

  • वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे।

  • जननी तू जननी भयी।

अलंकार, इकाई 6, लाटानुप्रास अलंकार, सामान्य हिंदी

Post navigation

Previous Post: वृत्यानुप्रास अलंकार की परिभाषा/ उदाहरण
Next Post: अन्त्यानुप्रास अलंकार की परिभाषा / अन्त्यानुप्रास अलंकार के उदाहरण

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Facebook
  • Instagram
  • YouTube
  • Twitter
  • WhatsApp

Recent Posts

  • पर्यायवाची शब्द: अर्थ और उपयोग
  • अलंकार किसे कहते हैं? अलंकार के भेद उदाहरण सहित
  • लिंग की परिभाषा / स्त्रीलिंग एवं पुल्लिंग की पहचान का तरीका / भाषा में लिंग के प्रकार
  • सर्वनाम किसे कहते हैं? इसके कितने भेद होते हैं? उदाहरण सहित जानिए
  • वचन की परिभाषा और वचन के प्रमुख भेद: एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम

Recent Comments

  1. Nidhi Academy on संधि की परिभाषा उदाहरण सहित / संधि के प्रकार उदाहरण सहित / संधि के भेद
  2. Mayank Kumar on संधि की परिभाषा उदाहरण सहित / संधि के प्रकार उदाहरण सहित / संधि के भेद
  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • नियम और शर्तें
  • संपर्क करें
  • हमारे बारे में
  • हेल्पलाइन नंबर

Copyright © 2025 Nidhi Academy.

Powered by PressBook WordPress theme