श्रुत्यानुप्रास अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित
श्रुत्यानुप्रास अलंकार- जब किसी काव्य (कविता) में एक ही उच्चारण स्थान वाले अथवा एक ही वर्ग (प्रायः माधुर्य वर्ग अर्थात ‘त’ वर्ग) के वर्णों की बार-बार आवृत्ति होती है, तो वहाँ श्रुत्यानुप्रास अलंकार माना जाता है। उदाहरण- “दिनांत था थे दिननाथ डूबते, सधेनु आते गृह ग्वाल बाल थे।” यहाँ ‘त’ वर्ग ( त थ द…