संज्ञा –
‘‘संज्ञा उस विकारी शब्द को कहा जाता है, जिसके द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु, भाव, जीव और स्थान के नाम का बोध होता है।’’
जैसे- लड़की, सोहन, मुम्बई, पुस्तक, प्रेम आदि।
संज्ञा के भेद
अर्थ के आधार पर संज्ञा के पाँच प्रकार हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा,
- जातिवाचक संज्ञा,
- समुदायवाचक संज्ञा,
- द्रव्यवाचक संज्ञा,
- भाववाचक संज्ञा
व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के तीन प्रकार हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा,
- गणनीय संज्ञा,
- अगणनीय संज्ञा।
आधुनिक वर्गीकरण के आधार पर संज्ञा के तीन भेद माने जाते हैं-
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा- I. द्रव्यवाचक संज्ञा, II. समूहवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जो शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, स्थान या प्राणी के नाम का बोध कराते हैं, उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण-
व्यक्तियों के नाम- सुभाष, भारती, सीमा, नीता, भगत सिंह, नितिन, राजू आदि।
प्राणियों के नाम- ऐरावत, कामधेनू, चेतक आदि।
स्थानों के नाम- दिल्ली, अमेरिका, भारत, चेन्नई, जापान, मुम्बई, गुजरात आदि।
पर्वतों के नाम- हिमालय, अरावली, कराकोरम आदि।
पुस्तकों के नाम- रामचरितमानस, महाभारत, रामायण आदि।
समुद्रों के नाम- भूमध्य सागर, हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अरब सागर आदि।
नदियों के नाम- गंगा, ब्रह्मपुत्रा, नर्मदा, कृष्णा, कावेरी, सिन्धु आदि।
उत्सवों के नाम- होली, दीपावली, रक्षाबन्धन, विजयादशमी आदि।
महीनों के नाम- मई, जून, जुलाई, नवम्बर आदि।
दिनों के नाम- सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार आदि।
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?
जो शब्द किसी प्राणी, वस्तु या समुदाय की पूरी जाति का बोध कराते हैं, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण- मानव, नर, नारी, गाय, बैल, बकरी, भेड़, घोड़ा, देव, नदी, सागर, किताब, पर्वत, शहर, नगर, गाँव, कुत्ता, बिल्ली, हाथी, सब्जी आदि।